संविधान क्या है -
भारतीय संविधान को जानने से पहले हम ये जानने का प्रयास करेंगे कि किसी देश में संविधान का क्या महत्व है, ये कैसे बनता है और कैसे कार्य करता है।
- संविधान किसी देश के मूल सिद्धांतो का या स्थापित नजीरों का एक समुच्चय है जिसके माध्यम से कोई राज्य या संगठन संचालित ( अधिशासित ) होता है।
- संविधान प्रायः लिखित रूप में होता है जो किसी राष्ट्र या संगठन की परम् विधि ( कानून ) होता है । जिन कार्यो से इस विधि का उल्लंघन हो उसे असैंविधानिक घोषित किया जाता है ।
- भारत का संविधान दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है जबकि मोनाको का संविधान सबसे छोटा लिखित संविधान है ।
संविधान के लिये आवश्यक शर्ते -
कोई भी संविधान निम्नलिखित तीन बिंदुओं से मिलकर बनता है
- राष्ट्र ( देश या राज्य ) - वह निश्चित भूभाग जिसपर जनसंख्या निवास करती हो तथा वहाँ एक सरकार होनी चाहिए और वह देश सम्प्रभुता संपन्न होना चाहिए।
- सरकार - एक ऐसी संस्था जो उस राष्ट्र में विधि का निर्माण करे और उसे संचालित करे। सरकार के तीन भाग होते है - १. विधायिका २. कार्यपालिका ३. न्यायपालिका
- व्यक्ति - व्यक्ति संविधान की तीसरी और सबसे प्रमुख शर्त है। संविधान किसी राष्ट्र में रहने वाले व्यक्तियों के सामाजिक, आर्थिक, धार्मिक एवं राजनैतिक मान्यताओं और आपसी सामंजस्य को प्रदर्शित करने वाला होना चाहिए। अर्थात संविधान निर्माण में व्यक्ति का महत्वपूर्ण स्थान है जिसके संरक्षण एवं भागीदारी हेतु संविधान में दो मूल बातों को समायोजित किया गया है - १. मूल अधिकार २. मौलिक कर्त्तव्य
- सम्प्रभुता संपन्न देश क्या होता है - एक पूर्ण रूप से स्वतंत्र देश जहाँ की सरकार अपने देश के आंतरिक एवं बाह्य निर्णय लेने के लिये स्वतंत्र हो तो ऐसा देश सम्प्रभुता संपन्न (संप्रभु) देश कहलाता है ।
भारत में सरकार का स्वरूप -
विधायिका - भारतीय संविधान में कानून बनाने वाली संस्था को विधायिका कहते है। इसके तीन भाग है-
- राष्ट्रपति - यह राष्ट्र का प्रमुख होता है।
- राज्यसभा ( उच्च सदन ) - इसके सदस्यों की संख्या २५० है
- लोकसभा ( निम्न सदन ) - इसके सदस्यों की संख्या ५५२ है।
- लोकसभा तथा राज्यसभा को मिलाकर संसद का निर्माण होता है। तथा इनके सदस्यों को सांसद कहा जाता है । सांसदो की बैठक संसद भवन में होती है जोकि दिल्ली में स्थित है ।
कार्यपालिका - संसद में बनाये गये कानून को लागू करवाना और उसका पालन करवाने के लिए कार्यपालिका होती है। इसके दो भाग है -
- राजनैतिक ( मंत्रिपरिषद ) - इसे मंत्रिमंडल भी कहते है ।
- प्रशासनिक ( नौकरशाह ) - इसके अंतर्गत सरकारी कर्मचारी आते है जैसे - जिलाधिकारी, पुलिस सेना, सीबीआई आदि।
न्यायपालिका - न्यायपालिका में विधायिका तथा कार्यपालिका द्वारा संचालित नियमो व कानून के पुनरावलोकन की शक्ति निहित होती है। जिससे ये सामान्य व्यक्ति को न्याय प्रदान करती है। भारत में तीन स्तर पर न्यायपालिका को स्थापित किया गया है -
- सुप्रीम कोर्ट या सर्वोच्च न्यायलय - देश के सभी न्यायलय इसके अधीनस्थ है। यह दिल्ली में स्थित है।
- हाई कोर्ट या उच्च न्यायलय - ये सामान्यतः राज्य स्तर पर होते है। देश में इनकी संख्या २४ है।
- लोअर कोर्ट या निचली अदालते - ये जिला स्तर पर होती है।
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